राजस्थान के संविदा कर्मियों ने भरी हुंकार, नियमित नहीं किया तो होगा बड़ा आंदोलन

राजस्थान के करीब 1 लाख से ज्यादा संविदा कर्मियों ने एक बार फिर से आंदोलन की राह पर उतरने का ऐलान कर दिया है. संविदा कर्मियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मांग पूरी नहीं होने पर राजस्थान में एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली है. अपनी मांगों को लेकर अल्पसंख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदा कर्मी एक मंच पर आ चुके हैं.

5 सालों से सिर्फ मिल रहा आश्वासन- संविदा कर्मी

संविदा कर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान के 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी पिछले लम्बे समय से लगातार सक्रिय रहकर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों तथा अधिकारियों को जगह जगह ज्ञापन देकर नियमितीकरण की मांग कर रहे है, लेकिन सरकार की तरफ से राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के अंतर्गत कोई भी अनुभव गणना करने व नियमितीकरण का परिपत्र जारी नहीं किया है. इससे संविदा कर्मियों में काफी आक्रोश है.

लेटलतीफी कर रही आंदोलन के लिए मजबूर

संविदा कर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की इस लेटलतीफी को देखते हुए संविदा कर्मी फिर से आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं. संविदा कर्मियों ने राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगल जल्द ही नियमितीकरण की मांग को सरकार पूरी नहीं करती है तो संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान को फिर से आंदोलन की राह पर उतरना पड़ेगा.

आईएएस के समान अनुभव पड़ सकता संविदा कर्मियों पर भारी

संविदा कर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2023-24 में संविदा कर्मियों के अनुभव की गणना अन्य सेवा से आईएएस चयन के पैटर्न के आधार पर करने की घोषणा की थी. जिसमें अनुभव के 3 वर्ष का 1 वर्ष गणना की जाती है. इसको लेकर संविदा कर्मियों में काफी आक्रोश है. मोर्चा के पदाधिकारियों ने सरकार मांग करते हुए कहा कि अनुभव की गणना वास्तविक रूप से 11 मानकर ही करे. सरकार अगर आईएएस पैटर्न में 3-1 का फार्मूला अपनाती है तो इससे मुश्किल से 10 हजार संविदा कर्मियों का ही नियमितीकरण होगा बाकी एक लाख संविदा कर्मी नियमित होने से वंचित हो जाएंगे.

मांग पूरी नहीं होने पर 25 से आंदोलन का आगाज

संविदा कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा की अगर सरकार की ओर से जल्द ही मांग पूरी नहीं होती है तो राजस्थान के सभी संविदा कर्मियों द्वारा 25 अप्रैल 2023 को जयपुर से 40 किलोमीटर दूर से शहीद स्मारक तक रैली निकाली जाएगी. हजारों की संख्या में संविदा कर्मी “अधिकार पैदल मार्च” निकालेंगे साथ ही शहीद स्मारक पर ही अनिश्चितकालीन महा आंदोलन किया जाएगा. 

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