सरकार सरकार की ओर से चिकित्सा विभाग में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के 3 हजार 531 पदों पर संविदा भर्ती निकाली गई थी. लेकिन 19 फरवरी 2023 को आयोजित हुई इस परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने के बाद इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग उठने लगी. पेपर की शिकायत बोर्ड कार्यालय के साथ ही एसओजी में भी की गई. लेकिन करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई फैसला नहीं होने के चलते युवा बेरोजगारों में खासा आक्रोश है. साथ ही भर्ती पर जल्द फैसला लेने की मांग भी युवा बेरोजगार उठा रहे हैं.
दो महीनों से बनी है संशय की स्थिति
करीब दो महीनों से सीएचओ भर्ती परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, परीक्षा आयोजित होने से पहले ही जहां सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हुआ था वहीं पेपर की जांच एसओजी को सौंपी गई थी, हालांकि एसओजी की ओर से एक रिपोर्ट राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की सौंपी जा चुकी है. लेकिन अभी तक बोर्ड एसओजी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. वहीं दूसरी ओर भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों द्वारा लगातार सीएचओ भर्ती परीक्षा को रद्द करते हुए फिर से सीएचओ भर्ती परीक्षा आयोजन की मांग कर रहा है
स्वास्थ्य भवन पर प्रदर्शन कर दी चेतावनी
सीएचओ फेडरेशन संरक्षक भरत बेनीवाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य भवन पर बड़ी संख्या में युवा बेरोजगारों ने जल्द से जल्द पेपर मामले में अंतिम फैसला लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से वार्ता में संतोषजनक जवाब भी मिला है.अधिकारियों ने जल्द ही भर्ती परीक्षा पर फैसला लेने की बात कही. वहीं फेडरेशन के अध्यक्ष भरत बेनीवाल ने जल्द फैसला नहीं लेने पर फिर से उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
81 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी हुए थे शामिल
आपको बता दें की सरकार की ओर से 3 हजार 531 पदों पर निकाली गई संविदा भर्ती के लिए विभाग को 92 हजार 49 आवेदन प्राप्त हुए थे. जयपुर, अजमेर और कोटा जिले में 19 फरवरी को परीक्षा का आयोजन किया गया. परीक्षा में 81 हजार 885 परीक्षार्थी शामिल हुए.
78 सवाल हूबहू मिले वायरल पेपर से
19 फरवरी को आयोजित हुई परीक्षा के शुरू होने से करीब दो घंटे पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. परीक्षा के बाद जब पेपर से मिलान किया गया तो 78 सवाल हूबहू मिलान में पाए गए. युवा बेरोजगारों द्वारा एसओजी और कर्मचारी चयन बोर्ड को सभी सबूत भी पेश किए गए. और उसके बाद से ही इस परीक्षा को रद्द करने की मांग उठ रही है.