राजस्थान में इस समय एक ही मांग सबसे ज्यादा मुखर होती हुई नजर आ रही है. और वो मांग है तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की. तबादलों की मांग को लेकर जहां पिछले 4 सालों से आंदोलन और प्रदर्शन देखने को मिले. तो वहीं पिछले करीब एक महीने से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग अब काफी तेज होती हुई नजर आ रही है. शिक्षकों ने विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा घेराव के साथ ही दिल्ली में एआईसीसी घेराव तक की चेतावनी दे डाली है. तो वहीं अब तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से गुहार लगाई है.
पीसीसी चीफ को बताई पीड़ा, निवारण की मांग की
बुधवार अल सुबह बड़ी संख्या में तृतीय श्रेणी शिक्षक संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल के नेतृत्व में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पहुंचे. जिसके बाद पीसीसी से मुलाकात कर पिछले 4 सालों से चली आ रही तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पीड़ा से अवगत करवाया. इसके साथ ही डार्क जोन में लगे शिक्षकों के तबादलों की मांग जो कई दशकों से चल रही उससे भी अवगत करवाया.
तबादलों के साथ ही अन्य मांगों से भी करवाया अवगत
संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग के साथ ही अन्य मांगों से भी अवगत करवाया. जिसमें कम्प्यूटर अनुदेशक का परिणाम जारी करने के साथ ही व्याख्याता भर्ती का परिणाम जारी करने की भी मांग रखी.
अगस्त 2021 में लिए गए थे तृतीय श्रेणी शिक्षकों से आवेदन
2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. लम्बे समय से चली आ रही मांग के बाद प्रदेश सरकार की ओर से अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादले आमंत्रित किए गए थे. उस समय करीब 85 हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादला आवेदन किए थे. इनमें से बड़ी संख्या में डार्क जोन में लगे शिक्षक भी थे.
विधानसभा और एआईसीसी घेराव की है चेतावनी
हालांकि राजस्थान में 15 जनवरी से तबादलों पर रोक लग चुकी है. लेकिन इसके बाद भी तृतीय श्रेणी शिक्षक लगातार तबादलों की मांग कर रहे हैं. तबादले नहीं होने की स्थिति में तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने 23 जनवरी से शुरू हो रही विधानसभा के घेराव की चेतावनी दी है तो वहीं 29 जनवरी को दिल्ली में एआईसीसी घेराव की भी चेतावनी दी है.