राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र जारी है. और प्रदेश के युवा अपनी मांगों को सरकार के सामने रखने के लिए धरने और प्रदर्शन का सहारा ले रहे हैं. शहीद स्मारक पर राजस्थान सम्पर्क पोर्टल ‘181’ कार्यरत कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए करीब 10 सूत्री मांगों को सरकार के सामने रखने की कोशिश की.
इन मांगों को लेकर किया गया प्रदर्शन
1- राजस्थान सम्पर्क पोर्टल ‘181’ ( सीएम हेल्पलाइन ) को राजस्थान सरकार अपने अधीन कर सम्पूर्ण रूप से निजी क्षेत्र से अलग करे
2- राजस्थान सरकार के द्वारा संचालित राजस्थान सम्पर्क पोर्टल ‘181’ ( सीएम हेल्पलाइन ) के पक्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2022-23 में 400 सीटों की जगह 1 हजार सीटें बढ़ाकर 350 सीटों का संचालन संभाग स्तर पर 650 सीटों का संचालन मुख्यालय पर होना था, जो आज तक नहीं हुआ है
3- बजट घोषणा 2023-24 में जो बातें राजस्थान सरकार द्वारा रखी गई है. कि निविदा प्रथा को खत्म किया गया है. तो रेक्सको (REXCO) में भी तो निजी क्षेत्र कम्पनी है को भी 181 से पृथक किया जाए
4- निजी क्षेत्र की कम्पनी के द्वारा 1 हजार सीटों पर कार्य न करवाकर मात्र 250 व्यक्तियों से 1 हजार सीटों का कार्य करवाकर वेतन उठाया जा रहा है. इसकी भी जांच पारदर्शितापूर्ण की जाए
5- राजस्थान सरकार के द्वारा राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के अंतर्गत कार्य करने वाले प्रत्येक प्रतिनिधि को 35 हजार से अधिक का वेतन भुगतान का टेंडर दे रखा था जबकि कम्पनी द्वारा 7 हजार 774 रुपये का प्रति व्यक्ति भुगतान किया जा रहा है. जिसकी जांच करवाई जाए
6- ‘181’ ( सीएम हेल्पलाइन ) के माध्यम से ही RGHS और चिरंजीवी का समाधान होता है
7- राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से ही RGHS और चिरंजीवी विभाग में कॉल ट्रांसफर की जाती है
8- राजस्थान सम्पर्क पोर्टल राजस्थान सरकार के 250 से भी अधिक विभागों की शिकायत दर्ज करता है
9- राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर कार्यरत प्रत्येक प्रतिनिधि को संविदा कार्मिक के रूप में नियुक्ति दी जाए
10- राजस्थान सरकार अगर संविदा कार्मिकों के रूप में नियुक्ति न दे तो अपने अधीन रख कर भुगतान किया जाए
11- राजस्थान सम्पर्क पोर्टल को रेक्सको के अधीन ना किया जाए
मांग पूरी नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी
शहीद स्मारक पर धरना दे रहे कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा की राजस्थान सम्पर्क पोर्टल ‘181’ ( सीएम हेल्पलाइन ) पर कार्यरत कर्मचारियों का एजेंसी द्वारा शोषण किया जा रहा है. इसके साथ ही कर्मचारियों से 12 से 14 घंटों तक काम करवाया जा रहा है. अपनी मांग को लेकर की बार अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अगर इन 250 कर्मचारियों की समस्या का समाधान जल्द नहीं होता है तो आने वाले समय में अपनी मांग को लेकर बड़े आंदोलन किया जाएगा