राजस्थान में हर बार चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में विवाद देखने को मिलता है. चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन के बाद भी हर बार विवाद देखने को मिलता है. बेरोजगारों द्वारा परीक्षाओं में चरणों में आयोजित करवाने का विरोध हर बार देखने को मिलता है. लेकिन परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से करने और परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा होने से भी परीक्षा नोडल एजेंसियों के सामने परीक्षाओं को विभिन्न चरणों में आयोजित करवाने की मजबूरी होती है. लेकिन इसके बाद भी विभिन्न चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में होने वाले नॉर्मलाइजेशन को लेकर कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पा रहा है.
सीईटी परीक्षा आयोजित होगी 6 चरणों में
7 विभागों के करीब 17 हजार पदों को लेकर 4,5 और 11 फरवरी को समान पात्रता परीक्षा ( CET सेकेंडरी स्तर ) की परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है. परीक्षा का आयोजन तीन दिनों तक 6 चरणों में किया जाएगा. 6 चरणों में आयोजित होने वाली सीईटी परीक्षा में करीब 12 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं. ऐसे में प्रत्येक दिन करीब 4 लाख परीक्षार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं.
वर्णमाला के आधार पर आयोजित होगी परीक्षा. 4 लाख परीक्षार्थी होंगे प्रभावित
परीक्षा में करीब 12 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं. तो वहीं वर्णमाला के आधार पर 6 चरणों में परीक्षा आयोजित होगी. 4 फरवरी को आयोजित होने वाली दोनों पारियों में करीब 4 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं. ऐसे में 4 लाभ अभ्यर्थी पहले दिन दो चरणों की परीक्षा में शामिल होंगे. इसके बाद करीब 4 लाख अभ्यर्थी 5 फरवरी की परीक्षा और करीब 4 लाख अभ्यर्थी 11 फरवरी की परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं. ऐसे में शुरूआत के दो चरणों में आयोजित होने वाले परीक्षार्थियों के सामने समस्या खड़ी हो सकती है.
A अल्फाबेट वाले अभ्यर्थियों को होता सबसे ज्यादा नुकसान
वर्णमाला के आधार पर जारी प्रवेश पत्र के आधार पर होने वाली परीक्षा में सबसे ज्यादा नुकसान का सामना A अल्फाबेट वालों को करना पड़ता है. अमूमन कई परीक्षाओं में देखने को मिला है की तीसरे और चौथे चरण में होने वाली परीक्षाओं में पास होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या प्रथम और दूसरे चरण में आयोजित होने वाली परीक्षार्थियों से ज्यादा रहती है. नॉर्मलाइजेशन के बाद भी ये विवाद देखने को मिलता है.
प्रवेश पत्र रेंडमली जारी करने की मांग
एग्जाम एक्सपर्ट अरुण ढाका का कहना है की चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षा में सबसे ज्यादा नुकसान जहां A अल्फाबेट के अभ्यर्थियों को होता है तो सबसे ज्यादा फायदा S अल्फाबेट वाले अभ्यर्थियों को होता है. सीईटी परीक्षा में 4 और 5 फरवरी के बाद 11 फरवरी को परीक्षा आयोजित होगी. परीक्षा में 6 दिनों का अंतर रखा गया है. ऐसे में अंतिम दो चरणों में होने वाली परीक्षा के अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा फायदा रहेगा. ऐसे में किसी भी परीक्षा नोडल एजेंसी को चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षा में प्रवेश पत्र रेंडमली जारी करने चाहिए. जिससे किसी को भी नुकसान ना हो.