राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. शिक्षा विभाग में संविदा के स्थान पर नियमित भर्ती करने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करने, वेतन विसंगति दूर करने और शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है. चेतावनी देते हुए शिक्षक ने कहा की अगर इसी विधानसभा सत्र में शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर समाधान नहीं होता है तो सड़कों पर उतकर आंदोलन किया जाएगा.
चुनावी साल में शिक्षक वर्ग को दी जाए राहत
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा की वर्तमान सरकार को चार साल का समय हो चुका है. लेकिन चुनाव से पहले जो घोषणाएं की थी वो अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है. अब चुनावी साल आ चुका है ऐसे में सरकार को चाहिए की वो इन मांगों को पूरा कर राहत दे. और सरकार को अपनी मांगों को लेकर उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए अगर जरुरत पड़ी तो सड़कों पर उतरा जाएगा. संगठन के जिला मंत्री तारा शंकर शर्मा ने कहा कि 11 सूत्री मांगों को आंदोलन चल रहा है. और इस आंदोलन के दो चरण पूरे किए जा चुके हैं. अब भी सरकार नहीं चेती तो तीसरा चरण में राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा
शिक्षा विभाग में संविदा भर्ती का विरोध
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला अध्यक्ष पवन पांडे ने बताया कि सरकार अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोल रही है, लेकिन उसमें संविदा पर शिक्षकों को लगाया जा रहा है. शिक्षा विभाग में संविदा पर भर्ती ना करते हुए सरकार को चाहिए की वो नियमित भर्ती करे. जबकि संगठन की जिला महिला मंत्री सुनीता शर्मा ने कहा कि शिक्षकों से 12 महीने गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते हैं. जिससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है. इसलिए सरकार को चाहिए की वो शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से दूर रखने के कदम उठाए.
इन मांगों को लेकर दी गई चेतावनी
1- वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए गठित सावंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर लागू किया जाए
2- सभी राज्य कर्मचारियों को 8,16,24,32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए
3- पुरानी पेंशन योजना की तकनीकी खामियों को दूर करते हुए NPS फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी किए जाए
4- संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो. फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए.
5- शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को देखते हुए शिक्षकों को मासिक इंटरनेट भत्ता और एंड्रॉयड फोन उपलब्ध कराया जाए
6- राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति सेवानिवृत्ति के बाद 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पर क्रमश: 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि की जाए
6- शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा के बजाए नियमित भर्ती की जाए
7- तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति बनाकर इसे लागू किया जाए
8- BLO सहित सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए
9- तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमानुसार राहत प्रदान की जाए
10 – माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए