चुनावी साल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने भरी हुंकार, तबादला नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

साल 2023 चुनावी साल है. और सरकार इस साल में किसी भी वर्ग को नाखुश करने के मूड में नजर नहीं आ रही है. सरकार की ओर से हर वर्ग को खुश करने की पूरी कोशिश की जा रही है. जिससे विधानसभा चुनाव में सरकार को रिपीट किया जा सके. लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो नाखुश नजर आ रहा है. और वर्ग है प्रदेश के करीब सवा लाख से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षकों का. तबादलों की मांग को लेकर एक बार फिर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने आंदोलन की हुंकार भर दी है. साथ ही बिना पॉलिसी के जल्द से जल्द तबादला करने की मांग उठा दी है.

बिना पॉलिसी तबादलों की उठाई मांग

करीब 5 सालों से तबादलों का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक का आरोप है कि पिछले ढाई सालों से सिर्फ तबादला पॉलिसी का आश्वासन दिया जा रहा है. शिक्षा विभाग की तबादला पॉलिसी इतनी लम्बी हो गई है कि वो पूरी ही नहीं हो पा रही है. ऐसे में अब विधानसभा चुनाव में बहुत ही कम समय बचा है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादला बिना पॉलिसी के करे. नॉन टीएसपी एरिया के साथ ही टीएसपी एरिया के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को भी तबादलों की सौगात दी जाए.

मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर संघर्ष कर रहे शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है की सरकार की ओर से बिना पॉलिसी के जल्द से जल्द तबादले नहीं किए जाते हैं तो आने वाले समय में राजस्थान में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जिसमें प्रदेशभर के तृतीय श्रेणी शिक्षक एकजुट होकर तबादलों को लेकर अपनी मांग उठाएंगे. साथ ही शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को उठाना पड़ेगा. 

2021 में लिए थे आवेदन

2018 में सरकार के सत्ता में आने के बाद हर विभाग और वर्ग को तबादलों की सौगात मिली थी. लेकिन शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों की सौगात नहीं दी गई थी. जिसके बाद कई बार धरने और प्रदर्शन देखने को मिले. धरने और प्रदर्शन के बाद सरकार की ओर से अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन मांगे गए थे. जिसमें करीब 85  हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे. लेकिन करीब डेढ़ साल का समय बीत जाने के बाद भी ये आवेदन ठंडे बस्ते में ही पड़े हैं.

एक साल से हो रही तबादला पॉलिसी की बात

शिक्षा विभाग की अगर बात की जाए तो पिछले करीब 1 साल से तबादला पॉलिसी बनाने की रट लगाए बैठा है. इसके साथ ही तबादला पॉलिसी मुख्य सचिव तक को भेजने की बात पिछले करीब 7-8 महीनों से कही जा रही है. लेकिन सचिवालय के हलकों में कहीं भी तबादला पॉलिसी को लेकर कोई चर्चा नहीं होने से तृतीय श्रेणी शिक्षकों में भारी आक्रोश है.

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