राइट टू हेल्थ का विरोध राजस्थान के निजी डॉक्टर्स द्वारा देखने को मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर छात्र संगठन एनएसयूआई की ओर से राइट टू हेल्थ (RTH) के समर्थन में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. एनएसयूआई की ओर से रविवार 2 अप्रैल को रैली निकालते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने चल रहे डॉक्टरों के धरने पर पहुंचकर गुलाब का फूल देते हुए काम पर लौटने की अपील की कार्यक्रम था. लेकिन गेट पर पुलिस द्वारा रोकने के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने गेट के सामने दंडवत करते हुए डॉक्टर्स से काम पर लौटने की गुहार लगाई है.
गेट पर दंडवत करते हुए की अपील
राजस्थान यूनिवर्सिटी से बड़ी संख्या में एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ता हाथों में गुलाब के फूल लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने चल रहे डॉक्टर्स के धरने पर रैली के रूप में पहुंचे. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के आने की सूचना के बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. जिसका बाद पुलिस द्वारा छात्रों को गेट पर ही रोक दिया गया. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने गुलाब हाथों में लेकर सड़क पर ही दंडवत करते हुए डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की.
एनएसयूआई ने की अपील
एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि सरकार की ओर से आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य का अधिकार बिल लाया गया है. जिसके ना सिर्फ गरीब लोगों को जल्द उपचार मिलेगा साथ ही उपचार पर खर्च होने वाली पूरी राशि का भुगतान भी सरकार की ओर से किया जाएगा. लेकिन इस बिल को लेकर निजी अस्पताल संचालक इस समय हड़ताल पर है जिसके चलते लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए डॉक्टरों से अपील करने पहुंचे हैं की वो हड़ताल का रास्ता छोड़कर काम पर लौटे
मध्यस्थता से निकल सकता है समाधान का रास्ता- अमरदीप
एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार ने बताया कि सरकार की ओर से जो बिल लाया गया है उसका विरोध आमजन पर भारी पड़ रहा है. डॉक्टर्स को हड़ताल छोड़ते हुए काम पर लौटना चाहिए और मरीजों का उपचार करना चाहिए. किसी भी समस्या का समाधान मध्यस्थता से निकल सकता है. डॉक्टर्स को काम पर लौट आना चाहिए और मरीज ना देखने की अपनी हठधर्मिता को छोड़ देना चाहिए.