पिछले 5 सालों से एनटीटी (NTT) अभ्यर्थी अपनी एक ही मांग को लेकर सरकार के हर मंत्री से लेकर विधायक और अधिकारियों तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. लेकिन इन अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. जिसके बाद अब इन अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा (LOKESH SHARMA) का रुख किया है. एनटीटी अभ्यर्थियों ने ओएसडी (OSD) लोकेश शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए समस्या समाधान की गुहार लगाई है.
ओएसडी लोकेश शर्मा को सौंपा ज्ञापन
एनटीटी संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव विष्णु शर्मा के नेतृत्व एनटीटी अभ्यर्थियों ने लोकेश शर्मा को ज्ञापन (MEMORANDUM) में बताया गया कि एनटीटी भर्ती 2018 मे महिला एवं बाल विकास विभाग ने भर्ती नियमों की अनदेखी करते हुए निजी कॉलेज गीता बजाज मोती डूंगरी जयपुर 53 अभ्यर्थियों को गलत तरीके से नियुक्ति दे दी गई थी. जो की एनसीटीई (NCTE) से एनटीटी है ही नहीं. जो कि प्री प्राइमरी कोर्स है. जो की एनटीटी के समकक्ष भी नहीं है. गीता बजाज कॉलेज के 53 अभ्यर्थियों को आधार बनाकर अन्य राज्य के अपात्र अभ्यर्थी भर्ती में प्रवेश कर रहे हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग की इस गलती के कारण राजस्थान के पात्र एनटीटी अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं. इसलिए गीता बजाज के अभ्यर्थी को इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाए या फिर उनके लिए अलग से अतिरिक्त पद सृजित किए जाएं.
2011 में बंद हो गया था एनटीटी कोर्स
पीड़ित बेरोजगारों ने बताया कि एनटीटी कोर्स 2011 में बंद होने के कारण नई भर्ती आने की संभावना नहीं है. राजस्थान में TSP अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है. 200 के करीब रिक्त सीट है. इसलिए इन सीटों को NON TSP से भरा जाए. ये 2012 से रिक्त चली आ रही है कोर्स बंद होने के कारण आगे भविष्य में एनटीटी अभ्यर्थी TSP मे नहीं मिलेंगे नॉन TSP में सीटों को भरने से राज्य के बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार मिल सकेगा.
भर्ती में करीब 511 पद रहे खाली
एनटीटी भर्ती 2018 में 839 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है. शेष अभ्यर्थियों की सत्यापित जांच एक साथ ही करवा ली जाए जिससे विभाग को दस्तावेज जांच के लिए बार-बार सूची जारी नहीं करनी पड़े जिससे भर्ती समय पर पूरी हो सके.
2012 में लगे शिक्षक चले गए थे कोर्ट
अभ्यर्थियों ने बताया कि एनटीटी भर्ती 2012 में लगे हुए शिक्षक को एनटीटी भर्ती 2018 में फिर शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी. जिसके कारण वह कोर्ट में चले गए. इसलिए सरकार की ओर से कोर्ट में मजबूत पैरवी कर प्रकरण को न्यायालय से बाहर निकलवाया जाए. जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके.