बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से 17 मार्च को एक आदेश जारी किया गया है. शिक्षा विभाग के आदेश के तहत राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में कार्मिकों और शिक्षकों के अवकाश पर 16 अप्रैल तक रोक लगाई गई. लेकिन शिक्षा विभाग के इस आदेश का अब विरोध शुरू होने लगा है. कई शिक्षक संगठनों ने इस आदेश का जहां विरोध जताया है तो वहीं शिक्षा मंत्री से आदेश को अव्यवहारिक करार देते हुए हस्तक्षेप की मांग कर डाली है.
आदेश को बताया गया तुगलकी फरमान
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ अरस्तु के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने शिक्षा विभाग के इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है. रामकृष्ण अग्रवाल का कहना है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर में बोर्ड परीक्षाओं का हवाला देकर 17 मार्च से 16 अप्रैल तक विद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों एवं शिक्षकों के किसी भी प्रकार के अवकाश पर पूर्णतया रोक लगाई है. अति आवश्यक होने पर जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक से अनुमति लेने को कहा गया है. ये आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक और तुगलकी है.
आदेश को निरस्त करने की मांग
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ अरस्तु की ओर से शिक्षा मंत्री को इस आदेश से अवगत करवाते हुए तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को सौंपा गए ज्ञापन में कहा गया कि शिक्षकों का अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार प्रधानाचार्य को होता है. बोर्ड परीक्षाओं में व्यवधान होगा तो प्रधानाचार्य द्वारा अवकाश स्वीकृत ही नहीं किया जाएगा. बिना अवकाश स्वीकृत किए अगर कोई कार्मिक अवकाश पर रहता है तो अवकाश नियमों में दंड का प्रावधान है. यदि कोई शिक्षक मेडिकल अवकाश पर रहता है तो डॉक्टर के प्रमाण पत्र के आधार पर ही रह सकता है.
कई स्कूलों में नहीं है सेंटर तो शिक्षकों की नहीं है वीक्षकों में ड्यूटी
रामकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा केंद्र नही है और कई शिक्षकों की वीक्षक ड्यूटी भी नहीं लगी है. ऐसे में निदेशक द्वारा जारी आदेश अव्यवहारिक और अनावश्यक है. हर ब्लॉक में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (जिला शिक्षा अधिकारी समकक्ष) बैठा रखे हैं फिर भी अनुमति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय )माध्यमिक को अधिकृत करना समझ से परे है. कई जिला मुख्यालय 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है. इसलिए इमरजेंसी होने पर एक दिन तो रास्ते में ही पूरा हो जाएगा फिर अवकाश स्वीकृत कब होगा