22 दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों का टूटा सब्र का बांध, अब दी बड़ी चेतावनी

राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर पिछले 22 दिनों से शिक्षक अपनी एक ही मांग को लेकर धरने पर बैठे है. और इनकी मांग है की विद्या संबल योजना के तहत जो शिक्षक लगाए गए थे उनको पिछले दिनों हटा दिया गया है. ऐसे में फिर से इन शिक्षकों को लगाने साथ ही वहीं विद्या संबल योजना के तहत लगाए गए सहायक आचार्यों का अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है. मांग पूरी नहीं होने पर शिक्षकों ने आत्मदाह की चेतावनी दे डाली है.

सत्र 2021-22 में 2  हजार शिक्षकों को लगाया था विद्या संबल योजना के तहत

राजस्थान सरकार की ओर से उच्च शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षण व्यवस्था और शिक्षकों की कमी को देखते हुए सत्र 2021-22 में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में करीब 2 हजार सहायक आचार्य नियुक्त किए गए थे. हालांकि सत्र खत्म होने से पहले ही जहां कुछ शिक्षकों को हटा दिया गया है तो अन्य को हटाने की तैयारी की जा रही है.

पिछले दिनों हटाया गया 300 सहायक आचार्यों को

सरकार की ओर से जहां सत्र 2021-22 के लिए करीब 2 हजार सहायक आचार्यों को विद्या संबल योजना के तहत नियुक्त किया गया था. तो वहीं सत्र पूरा होने से पहले ही अब इन शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों ही कला वर्ग के करीब 300 सहायक आचार्यों को हटा दिया गया है. तो वहीं अब वाणिज्य विषय के भी करीब 300 सहायक आचार्यों को हटाने की तैयारी चल रही है. सरकार के इसी फैसले के खिलाफ पिछले 22 दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी में शिक्षकों का धरना चल रहा है. 

हटाए गए शिक्षकों को फिर से लगाने व अलग से कैडर बनाने की मांग

हटाए गए शिक्षक जहां पिछले 22 दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी में धरने पर बैठे हैं तो वहीं शिक्षकों की मांग है की सत्र पूरा होने से पहले ही करीब 300 से ज्यादा सहायक आचार्यों को हटा दिया गया है. साथ ही इतने ही और हटाने की तैयारी चल रही है. इसलिए हटाए गए शिक्षकों को फिर से कॉलेज में लगाने और विद्या संबल योजना के तहत लगे शिक्षकों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है.

मांग पूरी नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी

पिछले 22 दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों ने अब बड़ी चेतावनी दे डाली है. शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले 22 दिनों से धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में अगर विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो धरने पर बैठे सभी शिक्षक आत्मदाह करेंगे. 

अच्छा वेतनमान छोड़ जुड़े थे सरकार की योजना से

धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना से जुड़ने के लिए उन्होंने निजी कॉलेजों में अच्छे पद की नौकरी को छोड़ते हुए सरकारी कॉलेजों में न्यूनतम वेतन पर काम करने का फैसला लिया. लेकिन सरकार की ओर से अधरझूल स्थिति में अब इन शिक्षकों को छोड़ दिया है. इसलिए हटाए गए शिक्षकों को फिर से लगाने. विद्या संबल का अलग से कैडर बनाने और मासिक आधार पर वार्षिक वेतन देने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है.

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