पिछले दिनों प्रदेश सरकार के निर्देश पर गुरु गोविंद सिंह जनजातीय विश्व विद्यालय द्वारा राजस्थान के सरकारी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक भर्ती के लिए राज्य पात्रता परीक्षा 2023 के आवेदन मांग गए हैं. जिसमें पात्रता की शर्तों में मास्टर डिग्री इन लाइफ साइंस और समकक्ष योग्यता रखी गई है. लेकिन अब इस योग्यता को लेकर प्रदेश के सैंकड़ों अभ्यर्थियों ने कई बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करते हुए सैंकड़ों अभ्यर्थियों को राहत देने की मांग तेज कर दी है.
ये पेचिदगियां बनी बेरोजगारों के लिए परेशानी का सबब
अगर बात की जाए राजस्थान लोक सेवा आयोग ( RPSC ) की ओर से सेट 2013 परीक्षा में लाइफ साइंस विषय को बॉटनी और जूलॉजी विषय के समकक्ष माना गया था. जबकि उसके बाद RPSC द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की लगातार साल 2014 व 2020 में भर्ती आयोजित की गई जिनमें लाइफ साइंस विषय को राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च शिक्षा हाई पावर कमेटी की 14 अप्रैल 2017 की अनुशंसा के अनुसार M.SC. लाइफ साइंस विषय को M.SC. बॉटनी और जूलॉजी विषय के समकक्ष नहीं माना गया.इस विसंगति के चलते M.SC. बॉटनी तथा M.SC जूलॉजी उपाधि धारकों को M.SC. लाइफ साइंस विषय के साथ समकक्षता होना अनिवार्य है. जो सेट 2023 की अधिसूचना में उल्लेखित नहीं किया गया है. सेट का विज्ञापन लाइफ साइंस के लिए विज्ञापित है ना की जूलॉजी तथा बॉटनी विषय के लिये.
गुरु गोविंद सिंह जनजातीय विश्वविद्यालय करवाएगा सेट परीक्षा
इस बार सेट परीक्षा 2023 का आयोजन गुरु गोविन्द सिंह जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है. सेट 2023 की अधिसूचना में लाइफ साइंस (LIFE SCIENCE) विषय को मुख्य विषय मानते हुए अन्य विषयों (बॉटनी,जूलॉजी आदि) को समकक्ष (सेट विज्ञापन में उल्लेखित) मानते हुए आवेदन आमंत्रित किये गए है.
अब सैकड़ों अभ्यर्थियों ने उठाई मांग
लाइफ साइंस में अगर मास्टर्स की बात की जाए तो ऐसे हजारों अभ्यर्थी हैं जिन्होंने लाइफ साइंस से मास्टर्स कर रखा है. साथ ही सेट नेट भी लाइफ साइंस विषय में है. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स की मोनोपॉली के चलते लाइफ साइंस वाले अभ्यर्थी आरपीएससी की पात्रता रखने के बावजूद भी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती से बाहर हो गए हैं. अगर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में सेट परीक्षा लीगल पेंच में फंस सकती है. इसलिए जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करते हुए हजारों अभ्यर्थियों को राहत देनी चाहिए.