कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में अभी भी राहत का इंतजार, पेंच फंसता हुआ आ रहा नजर

प्रदेश में पहली बार कांग्रेस सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर अनुदेशक के पदों पर भर्ती के आयोजन किया गया. प्रदेश सरकार की ओर से 10 हजार 157 पदों पर 18 और 19 जून को वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक ( 295 पद ) और कम्प्यूटर अनुदेशक ( 9862 पद ) भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. प्रदेश में पहली बार निकाली गई इस भर्ती परीक्षा में लाखों अभ्यर्थियों को जहां खुशी मिली. तो वहीं परीक्षा के बाद न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता इन बेरोजगारों पर भारी पड़ती हुई भी नजर आई. परिणाम जारी होने के बाद से ही बेरोजगार भर्ती में न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता को हटाने की मांग कर रहे हैं.

अब एक नया पेंच फंसता हुआ आ रहा नजर

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 18 और 19 जून को कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन करवाया गया. लेकिन इस भर्ती में अब न्यूनतम अंकों का पेंस फंसता हुआ नजर आ रहा है. कार्मिक विभाग के एक सर्कुलर में भर्ती परीक्षा स्कीम में पास होने के लिए 40 फीसदी अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता है. लेकिन दूसरे सर्कुलर में ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है. ऐसे में बोर्ड असमंजस की स्थिति में है कि अब कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में क्या किया जाए. अब बोर्ड ने इस मामले में कार्मिक विभाग से मार्गदर्शन मांगा है. 

परिणाम में ही पदों के मुकाबले 70 फीसदी अभ्यर्थी हुए उत्तीर्ण

राजस्थान में पहली बार आयोजित हुई कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती में जहां पहले पेपर में काफी कम समय मिला था तो वहीं दूसरे पेपर में नेट,गेट या इससे भी काफी कठिन स्तर के सवाल पूछे गए थे. जिसके चलते परीक्षा का परिणाम काफी कम रहा था. 18 जून को आयोजित हुई कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती परीक्षा की बात की जाए तो परीक्षा में करीब 1 लाख 60 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें से करीब 7 हजार परीक्षार्थियों को ही दस्तावेज सत्यापन के लिए सूचीबद्ध किया गया था. जिसके चलते भर्ती में करीब 3 हजार पद खाली रह गए थे.

परिणाम के बाद से ही लगातार उठ रही है मांग

भर्ती को लेकर दस्तावेज सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद जहां वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक का अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है. तो वहीं कम्प्यूटर अनुदेशक के अंतिम परिणाम का इंतजार किया जा रहा है.ऐसे में वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में पद खाली रहने के बाद कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता को हटाते हुए खाली रहे पदों पर फिर से परिणाम जारी करवाते हुए दस्तावेज सत्यापन के लिए सूची जारी करने की मांग की जा रही है

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