जब भी विधानसभा सत्र चलता है. तो विभिन्न वर्गों द्वारा अपनी मांगों को लेकर जयपुर कूच किया जाता है. विधानसभा सत्र शुरु होने के साथ ही देखने को मिला की विभिन्न वर्गों द्वारा धरना और प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर तक पहुंचाने के प्रयास किए गए. पहले राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ द्वारा 22 गोदाम पर धरना दिया वहीं किरोड़ी लाल मीणा ने भी 24 जनवरी को दौसा से जयपुर के लिए कूच किया. जिसके बाद पिछले 10 दिनों से किरोड़ी लाल मीणा आगरा रोड टनल पर धरने पर डटे हुए हैं. वहीं आज विद्यालय सहायक और पंचायत सहायकों ने भी जयपुर की सड़कों पर हुंकार भरी
विद्यालय सहायक/पंचायत सहायकों का महापड़ाव
प्रदेश के करीब 24 हजार से ज्यादा विद्यालय सहायक और पंचायत सहायकों ने अपनी मांग को लेकर विधानसभा कूच की चेतावनी काफी पहले दे दी गई थी. जिसके बाद आज बड़ी संख्या में सुबह से ही विद्यालय सहायकों और पंचायत सहायकों का का जुटना शुरू हुआ. और देखते ही देखते हुए जयपुर में पंचायत सहायक और विद्यालय सहायक बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए. पंचायत सहायकों और विद्यालय सहायकों ने 22 गोदाम पेट्रोल पंप पर महापड़ाव दिया. जिसमें सभी लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे.
स्थायीकरण की मांग
प्रदेशभर से आज बड़ी संख्या में विद्यालय सहायक और पंचायत सहायक स्थायीकरण करने की मांग को लेकर जयपुर में जुटे थे. करीब 24 हजार से ज्यादा सहायकों को संविदा सेवा नियमों में डाला जा रहा है. जिसका विरोध किया जा रहा था. और इसी विरोध के चलते आज जयपुर में धरना दिया.
पहले दौर की वार्ता रही थी विफल
22 गोदाम पेट्रोल पंप पर पंचायत सहायक और विद्यालय सहायकों द्वारा महापड़ाव दिया गया. इस दौरान विधानसभा कूच करने की जब कोशिश की गई तो उस समय मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने इन लोगों को रोक लिया. लेकिन इसके बाद प्रतिनिधिमंडल को वार्ता का न्यौता दिया गया. संघ के नेता नरेंद्र चौधरी , रामजीत पटेल , प्रवीण जसरापुर , प्रमोद भिंडा के नेतृत्व में सामूहिक रूप से किए जा रहे इस आंदोलन में पहले दौर की वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल विधानसभा पहुंचा. लेकिन पहले दौर की वार्ता में कोई सहमति नहीं बनी.
दूसरे दौर की वार्ता रही सफल
पहले दौर की वार्ता विफल होने के बाद दूसरे दौर की वार्ता का इंतजार किया गया. जल्द ही अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे प्रतिनिमंडल से शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से दूसरे दौर की वार्ता हुई. दूसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही जिसके बाद पंचायत सहायकों और विद्यालय सहायकों ने अपने आंदोलन को 10 जनवरी तक स्थगित करने का फैसला लिया.
नहीं हुआ हल तो अब एआईसीसी कूच की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रामजीत पटेल ने कहा की शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से वार्ता सकारात्मक रही है और जल्द ही समस्या समाधान का आश्वासन दिया गया है. 10 फरवरी को बजट पेश होने जा रहा है और अगर बजट में समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो फिर दिल्ली में एआईसीसी के घेराव की योजना तैयार की जाएगी. 10 फरवरी को नतीजा नहीं निकलता है तो इसके बाद अब दिल्ली एआईसीसी पहुंचकर राहुल गांधी के सामने अपनी मांग रखने की चेतावनी दी गई है