पिछले 5 सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. तबादलों की मांग को लेकर कई बार आंदोलन का रास्ता भी इन शिक्षकों को अपनाना पड़ा. लेकिन 5 साल से इन शिक्षकों की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिसके बाद एक बार फिर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के आंदोलन की आहट नजर आ रही है. शिक्षकों ने 30 मई को फिर से जयपुर में आर-पार की लड़ाई के साथ आंदोलन के आगाज का ऐलान किया है.
17 मई को शिक्षकों के दो गुटों ने मांग रखने का किया प्रयास
हालांकि तबादलों की मांग को लेकर 17 मई को जयपुर में शिक्षकों के दो गुटों द्वारा अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की गई. एक गुट ने जहां शहीद स्मारक पर धरना देकर अपनी मांग उठाई तो एक गुट ने मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचकर मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांग रखने का प्रयास किया. लेकिन ये दोनों ही प्रयास असफल होते हुए नजर आए.
शिक्षकों के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले की मांग उठाने लिए बनाई गई तृतीय श्रेणी संघर्ष समिति में आपस में ही विवाद हो गया है. 2 गुटों में बंट चुकी संघर्ष समिति एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है. जहां एक गुट ने सीएमआर में जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का OPS और RGHS जैसी योजनाओं को लेकर धन्यवाद जताया तो वहीं दूसरे गुट ने सीएमआर जाने वाले शिक्षकों को जयचंद करार दे दिया
संघर्ष समिति को किया भंग
राजस्थान शिक्षक एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने संघर्ष समिति को भंग करते हुए कहा कि पूर्व अध्यक्ष सुनील महिला और सूरजभान ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है.ल तबादलों की मांग को लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षक सीएमआर गए थे लेकिन उनसे अशोक गहलोत आई लव यू के नारे लगवा दिए गए. ऐसे में अब उनकी ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग को लेकर 30 मई से शहीद स्मारक पर आमरण अनशन की शुरुआत की जाएगी