हजारों विद्यार्थी मित्रों ने भरी हुंकार, मांगों को लेकर पैदल ही पहुंचे जयपुर

विधानसभा सत्र के दौरान अपनी मांगों को बुलंद करने के लिए हर वर्ग आवाज उठाता हुआ नजर आता है. कभी बेरोजगार तो कभी कार्मिक सरकार तक अपनी मांंग पहुंचाने के लिए विधानसभा सत्र के दौरान जयपुर में जुटते हैं. वहीं एक बार फिर से सालों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे विद्यार्थी मित्रों ने जयपुर में जुटने के साथ ही सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने का प्रयास किया. राजस्थान हर जिले से पैदल ही जयपुर में जुटे इन विद्यार्थी मित्रों ने सरकार के सामने 7 सूत्री मांग रखी है. साथ ही जल्द ही इनको पूरा करने का गुहार लगाई है. 

24 हजार 163 विद्यार्थी मित्रों को किया बेराजगार- विद्यार्थी मित्र

विद्यार्थी मित्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2006-2007 से लेकर 30 अप्रैल 2014 तक विद्यार्थी मित्र सरकारी विद्यालय में अल्प मानदेय में सेवाएं दी. लेकिन तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2014 में बिना किसी आदेश से 24 हजार 163 विद्यार्थी मित्रों को बेरोजगार कर दिया. साल 2013 में विद्यार्थी मित्रों को नियमित के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा शिक्षा सहायक भर्ती निकाली गई. लेकिन भाजपा सरकार द्वारा इस भर्ती को रद्द करके इस भर्ती का नाम विद्यालय सहायक कर दिया. लेकिन यह भर्ती भी कोर्ट में फंस गई.

2017 में देखने को मिला भाई-भतीजावाद

जयपुर में जुटे विद्यार्थी मित्रों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि विद्यार्थी मित्रों के आंदोलन को देखते हुए साल 2017 में अस्थाई भर्ती पंचायत सहायक निकाली गई. साथ ही तीनों भर्तियों में विद्यार्थी मित्रों को योग्य माना गया. पंचायत सहायक भर्ती में अस्पष्ट नियमों के चलते भाई-भतीजावाद देखने को मिला. जिसके चलते मनमर्जी से अपने चेहतों को नौकरी दी गई है.  इस कारण राजस्थान में लगभग 6  हजार 500 विद्यार्थी मित्रों को योग्य होने के बावजूद चयन से वंचित रखा गया. 

22 गोदाम पर प्रदर्शन करते हुए दी चेतावनी

राजस्थान के विभिन्न जिलों से एकत्रित हुए बड़ी संख्या में विद्यार्थी मित्रों के चेहरों पर बेरोजगारी की पीड़ा नजर आ रही थी. वंचित विद्यार्थी मित्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि साल 2017 से ही हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. लेकिन पिछले 6 सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. एमए बीएड कर रखा है, 5-5 साल का अनुभव भी है. लेकिन इसके बाद भी भाई-भतीजा वाद के चक्कर में हमारे साथ अन्याय हो रहा है. सरकार के सामने कई बार अपनी मांग रखी जा चुकी है. अगर अब भी हमारी सुनवाई नहीं होती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का पूरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा.

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