दशकों से तबादलों का इंतजार, पहले विधानसभा तो फिर एआईसीसी घेराव की चेतावनी

प्रदेश के लाखों शिक्षक ऐसे हैं जिनको पिछले 4 सालों से तबादलों का इंतजार है. इनमें से भी बड़ी संख्या में डार्कजोन में लगे शिक्षकों को कई दशकों से तबादलों का इंतजार है. लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते ये तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों की सौगात नहीं मिल पाई है. जिसके चलते अब प्रदेश के लाखों शिक्षकों ने 23 जनवरी से शुरू होने जा रही विधानसभा घेराव की चेतावनी के साथ ही एआईसीसी घेराव की चेतावनी दी है.

पहले विधानसभा तो फिर एआईसीसी घेराव की चेतावनी

तबादलों की मांग को लेकर 27 दिसम्बर को संयुक्त शिक्षक मोर्चा के बैनर तले जयपुर में एक बड़े आंदोलन का बिगुल बजाया गया था. लेकिन इस आंदोलन को भी करीब 20 दिनों का समय बीत चुका है. लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं होने के चलते अब तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने अपने आंदोलन को ओर उग्र करने की चेतावनी दे डाली है. संयुक्त शिक्षक मोर्चा की ओर से 23 जनवरी से शुरू होने जा रही विधानसभा का घेराव करके पहले राज्य सरकार के सामने अपनी मांग रखी जाएगी. अगर विधानसभा घेराव के बाद भी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो फिर एआईसीसी घेराव की चेतावनी दी गई है.

85 हजार शिक्षकों ने डेढ़ साल पहले किया था आवेदन

2018 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादलों की सौगात दी गई थी. लेकिन साल 2018 में सत्ता परिवर्तन हुआ और उसके बाद से ही तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से भी हजारों की संख्या डार्क जोन में लगे शिक्षकों की है. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को राहत देते हुए तबादला आवेदन मांगे गए थे. जिसके बाद करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किया था. लेकिन डेढ़ साल पहले हुए आवेदनों की सूची आज तक जारी  होने का इंतजार है.

2016 और 2018 में फंस गया पेंच

सूत्री की अगर माने तो प्रदेश के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से साल 2016 से पहले लगे तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के पक्ष में है तो वहीं शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला 2018 से पहले लगे शिक्षकों के तबादलों के पक्ष में नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे जहां जहां तृतीय श्रेणी शिक्षकों के खाली पदों की संख्या कुछ गिनी चुनी है लेकिन इन विधानसभाओं में तबादले चाहने वाले शिक्षकों की संख्या सैंकड़ों में है. ऐसे में बहुत से विधायक फिलहाल तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं.

शिक्षकों ने दी आर-पार की लड़ाई की चेतावनी

तबादलों की मांग कर रहे शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है. संयुक्त शिक्षक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल का कहना है कि शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ सौतेल व्यवहार किया है. सिक्षा विभाग में हर वर्ग को तबादलों की सौगात मिली है लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इससे दूर रखा गया है. 27 दिसम्बर को जयपुर में आंदोलन के बाद हमें नजरबंद किया गया. लेकिन सरकार की इस तानाशीह से हम डरने वाले नहीं है. पहले 23 जनवरी से शुरू होने जा रही विधानसभा का घेराव किया जाएगा. उसके बाद भी अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो दिल्ली में एआईसीसी का घेराव किया जाएगा.

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img