शिक्षकों ने क्यों दे दी काली होली मनाने की चेतावनी, लम्बे समय से चली आ रही है मांग

राजस्थान के करीब सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों ने काली होली मनाने का फैसला ले लिया है. ये फैसला लिया गया है शिक्षकों की एक मांग पर ध्यान नहीं देने की वजह से. गौरतलब है की पिछले करीब 4 सालों से प्रदेश के करीब सवा लाख से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादलों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग में हर वर्ग को तबादलों की सौगात मिलने के बाद भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादलों की सौगात नहीं मिलने से आक्रोश है, और अब इन शिक्षकों ने काली होली मनाने का फैसला लिया है.

शिक्षकों ने मीटिंग में लिया फैसला

तबादलों की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे संयुक्त शिक्षक मोर्चा राजस्थान की ओर से प्रदेश स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया. इस मीटिंग में फैसला लिया गया कि अगर 6 मार्च तक सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जाता है तो ऐसे में राजस्थान के करीब सवा लाख से ज्यादा शिक्षक अपने परिवार के साथ काली होली मनाएंगे.

बिना तबादला नीति के हो तबादले

प्रदेश स्तरीय मीटिंग में शिक्षकों ने तबादले नहीं होने से नाराजगी जताई. इसके साथ ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने मांग उठाई की सरकार की ओर से लम्बे समय से तबादला नीति की बात दोहराते हुए तबादलों में देरी की जा रही है. ऐसे में सरकार अब बिना तबादला नीति के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करे. 6 मार्च तक अगर तबादलों को लेकर फैसला नहीं लिया जाता है तो 6 मार्च को तो काली होली मनाकर अपना विरोध जताएंगे. उसके बाद प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति तैयार कर पूरे राजस्थान के शिक्षक एक साथ आंदोलन की राह पर उतरेंगे.

अगस्त 2021 में लिए थे आवेदन

करीब डेढ़ साल पहले सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर आवेदन मांगे गए थे. जिसमें करीब 85  हजार शिक्षकों ने तबादलों की इच्छा जताते हुए आवेदन किए थे. लेकिन इसके बाद सरकार की ओर से इन आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. कई बार शिक्षा मंत्री की ओर से तबादला नीति लागू होने के बाद तबादले होने की बात कही. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी आज तक तबादला सूची का इंतजार ही किया जा रहा है.

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