प्रथम संस्था की ओर से असर 2022 की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. कोरोना काल के बाद जहां स्कूलों में नामांकन में वृद्धि एक राहत देती हुई तस्वीर नजर आई तो वहीं दूसरी ओर कोरोना के बाद बच्चों की पढ़ाई की क्षमता में काफी गिरावट भी दर्ज होना गंभीर विषय रहा.
नामांकन में 1.9 फीसदी की हुई वृद्धि
पिछले 4 सालों की अगर बात की जाए तो शिक्षा के क्षेत्र में नामांकन में काफी वृद्धि दर्ज की गई है. राजस्थान में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का नामांकन बढ़ा है. कोरोना काल के बाद भी स्कूलों में तेजी से बच्चों का नामांकन बढ़ा है. 6 से 14 साल की आयु वर्ग के साल 2018 में 96.2 फीसदी बच्चे स्कूल में नामांकित थे तो वहीं साल 2022 में नामांकन 1.9 फीसदी बढ़कर 98.1 फीसदी पर पहुंच गया है.
33 जिलों के 990 बच्चों पर किया गया सर्वे, पढ़ाई की क्षमता घटी
प्रथम संस्था की ओर से साल 2022 में स्कूलों में सर्वे किया गया. जिसमें 33 जिलों के 990 बच्चों पर यह सर्वे किया गया. सर्वे में जहां नामांकन में वृद्धि दर्ज की गई तो वहीं पढ़ने की क्षमता में कमी देखने को मिली. रिपोर्ट के आधार पर 5वीं कक्षा के बच्चे दूसरी कक्षा की किताबें नहीं पढ़ पा रहे हैं.
पिछले 15 सालों से नामांकन 95 फीसदी से ज्यादा
राजस्थान में 6 साल से 14 साल आयु वर्ग के बच्चों के अगर नामांकन की बात की जाए तो नामांकन पिछले 15 सालों से 95 फीसदी से ऊपर ही दर्ज किया गया है. विशेषकर सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है. और ये वृद्धि हर राज्य में देखी गई है. इसके साथ ही लड़के और लड़कियों के नामांकन में जो अंतर देखा जा रहा था वो भी काफी कम रह गया है.
पढ़ने के स्तर में इस प्रकार देखी गई कमी
असर द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में पढ़ने के स्तर में काफी कमी देखने को मिली है. 2018 में जहां तीसरी कक्षा के 20.6 फीसदी बच्चे कक्षा दूसरी का पाठ पढ़ सकते थे तो वहीं 2022 में ये आंकड़ा महज 14.2 फीसदी ही रह गया है. इसके साथ ही साल 2018 में कक्षा 5वीं के 49.3 फीसदी बच्चे कक्षा दूसरी के पाठ को पढ़ सकते थे तो वहीं साल 2022 में अब ये आंकड़ा 38.2 फीसदी रह गया है.