राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गुरुवार को 12वीं विज्ञान और वाणिज्य विषय का परिणाम जारी किया गया है. प्रदेश के महंगे शिक्षण संस्थान परिणाम को लेकर जोरदार हल्ला कर रहे हैं. लेकिन इन सभी के बीच सरकारी स्कूलों के ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने परिणाम में ना सिर्फ बेहतर प्रदर्शन किया साथ ही विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए अपने गरीब मां-बाप का सपना भी पूरा कर रहे हैं. इन्हीं होनहारों में एक नाम सुनाई दे रहा है सुमित जीनगर का.
पोकरण का रहने वाला है सुमित
जैसलमेर के पोकरण कस्बे से आने वाला सुमित जीनगर उन्हीं विद्यार्थियों में से एक है. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पोकरण में पढ़ने वाले सुमित पुत्र भंवरलाल जीनगर ने बिना किसी अतिरिक्त कोचिंग के विज्ञान संकाय में 84.60 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. वहीं यह जीव विज्ञान विषय में 100 में से 100 अंक प्राप्त करने वाला क्षेत्र का पहला छात्र भी रहा.
नीट की तैयारी में जुटा है सुमित
सुमित के पिता आज भी अपने घर से खाने का डिब्बा लेकर मजदूरी पर निकले है और सुमित अपने घर के एक छोटे से कमरे में डॉक्टर बनने के लिए जरूरी नीट एग्जाम की तैयारी में जुटा है. अपनी सफलता के बाद सुमित जीनगर ने द चौक से खास बातचीत करते हुए कहा कि शुरुआत से ही सरकारी विद्यालय में पढ़ा हूं .घर की तंगहाली के कारण मुझे शुरुआत से ही समझ आ गया था कि मुझे खुद से ही ज्यादा मेहनत करनी होगी. अभी भी मैं खुद से ही घर बैठकर मेडिकल विषय में दाखिले की तैयारी कर रहा हूं. ,क्योंकि शहरों के महंगे कोचिंग संस्थानों और उसके खर्चे को गरीब मां-बाप वहन नहीं कर सकते हैं. सुमित अपने परिणाम का श्रेय अपने माता -पिता और अध्यापको के सलाह को देता है.
पिता करते है दिहाड़ी मजदूरी का काम
सुमित के पिता भंवरलाल पोकरण कस्बे में ही दिहाड़ी मजदूरी का काम करते है वे द चौक से बात करते हुए भावुक होते हुए कहते है “मैं खुद पढ़ा नहीं ,इसलिए मुझे मजदूरी का काम करना पड़ता है, मैं नहीं चाहता था कि मेरा बेटा भी आगे चलकर ऐसा ही कुछ काम करें इसलिए मैने उसे पढ़ाई के लिए कभी रोका नहीं , मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि मैं उसे महंगे कोचिंग में पढ़ा सकूं या प्राइवेट स्कूल भेज सकूं बच्चे की खुद की ही मेहनत थी जिसका परिणाम आज उसे मिला है.