प्रदेश में फाईन आर्ट सहित कला के विविध रूपों के संरक्षण में लगी कलानेरी फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट की ओर से शुक्रवार को नौ दिवसीय उत्सव की शुरूआत की गई। महोत्सव का शुभारंभ कलानेरी आर्ट गैलरी परिसर में कलानेरी के स्टूडेंट्स द्वारा उनके डिप्लोमा कोर्स के दौरान बनाई गई एग्जीबिशन से हुआ। यहां कुल 20 युवा कलाकारों की 65 कलाकृतियां डिस्प्ले की गई हैं। इन कलाकृतियों में महोत्सव के नाम ‘जर्नी एन एक्सप्रेशन’ में छिपी भावनाा के अनुरूप कलाकारों ने एक से बढ़कर एक अनुभूतियों से सराबोर कलाकृतियां बनाकर डिस्प्ले की हैं। सभी युवा कलाकारों ने हर कृति को बनाने की पीछे उद्देश्य और औचित्य को लिखकर कलाकृति के साथ डिस्प्ले किया है जिसकी वजह से देखने वाले को उनका मर्म सहज ही समझ में आ रहा है।
नजर आए हमारे मून के दो रूप
यहां प्रदर्शित कृतियों में हमारे मून के दो रूप देखने योग्य हैें। बजरंग लाल कुमावत ने व्हाइट चारकोल से चांद की शीतलता को तथा प्रगति शुक्ला ने मधुबनी शैली में चांद के अक्स को खूबसूरती से उकेरा है। बजरंग लाल कुमावत ने नकारात्मकता के इस दौर में सकारात्मक संदेश देने के लिए चारकोल से भगवान बुद्ध की शांतचित्त मुद्रा को भी करीने से उकेरा है। उनके बनाए मिस्र में साढ़े तीन हज़ार पहले हुए राजा तूतनखामन को भी इस कलाकार ने खूबसूरती से उकेरा है। बजरंग ने बताया उन्होंने राजा तूतनखामन की ये पेन्टिंग पिछले साल जवाहर कला केन्द्र में लगी उनकी रेप्लिकाओं से प्रेरित होकर बनाई है।
चित्रित किया पुरानी साईकिल को
सलोनी जिंदल की पेन्टिंग ‘टाइमलैस ब्यूटी ऑफ ओल्ड साईकिल’ शीर्षक से बनाई पेन्प्टिंग में करीब पचास साल पुरानी साईकिल को चारकोल से चित्रित कर इसके महत्व को उजागर करने की बेहतरीन कोशिश की है।
मां को समर्पित की पेन्टिंग
कुलदीप सिंह ने चारकोल से नीमराना फोर्ट का चित्र तैयार किया है। उन्होंने बताया कि ये चित्र उनकी मां को इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे ‘नॉट फॉर सेल’ रखने का निश्चय किया। उन्होंने एक पेन्टिंग में डॉग को बेस्ट ह्यूमन फ्रेंड के रूप में चित्रित कर अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
इनकी कलाकृतियां भी हैं खास
कलाकार सेमल ने ग्रेफाइड पेंसिल से तरह तरह के बर्ड्स, पौरवी शर्मा ने चारकोल से लालटेन, लैम्प और पुराने दरवाजे को, अहेली खंडेलवाल ने पेपर कोलाज से प्रकृति के नजारों को और भावना शर्मा ने बैडशीट पर फड़ पेन्टिंग की आकृतियों को करीने से उकेर कर देखने वालों का ध्यान आकर्षित किया। पूजा चौधरी ने रंगीन मोतियों ने बिपासना ध्यान मुद्रा में मग्न नारी के अक्स को उकेरा है वहीं ज्योति देवड़ा की जैक्टेंगल आकृतियां भी देखने योग्य हैं।
राजस्थान इंटरनेशन सैन्टर के निदेशक एन.सी. गोयल और विवेकानंद ग्लोबल इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष प्रो. विजय वीर सिंह प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जाने-माने चित्रकार भीम सिंह हाड़ा विशिष्ट अतिथि रहे।
फैकल्टी के डायरेक्टर सौम्या विजय शर्मा ने बताया कि 16 जून से 24 जून तक आयोजित किए जाने वाले इस उत्सव में फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट के स्टूडेंट्स नौ दिन तक अलग अलग तरह से अपनी कला का हुनर प्रदर्शित करेंगे।
17 से 23 जनवरी तक गैलरी परिसर में स्टूडेंट्स 5 गुणा 15 फुट आकार के कैनवास को बीस अलग अलग भागों में विभक्त कर हर खंड में अपनी चित्रकला का प्रदर्शन करेंगे एवं इसी दौरान गैलरी परिसर में स्टूडेंट्स का बनाया एक ज्वाइंट इंस्टालेशन भी प्रदर्शित किया जाएगा।
इस दौरान 19 और 20 जून को गैलरी परिसर में सुबह 11 से 1.00 बजे तक मोटीवेशनल टॉक शो आयोजित किया जाएगा तथा 24 जून को शाम 7.00 बजे से समापन समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें विभिन्न रंगा रंग कार्यक्रमों के बीच डिप्लोमाधारी स्टूटेंट्स का फैलीसिटेशन किया जाएगा।